दान फाउंडेशन के सक्रिय सदस्‍य पुलिसकर्मी सुंदर सिंह और फिरोज अहमद। रक्‍तदान कर दो लोगों की बचाई जिंदगी

आगरा। पुलिस का नाम जहन में आते ही सख्‍त मिजाज और संगदिल व्‍यक्तित्‍व की छवि ही मन मस्तिष्‍क में उभरती है। ड्यूटी के लिए अपने घर परिवार को दर किनार कर वर्दीधारी समाज की रक्षा में जुटे रहते हैं। इस संगदिल व्‍यक्तित्‍व के पीछे इंसानियत भरा दिल भी होता है। पुलिस की सख्‍ती भी किसी अंजान की जरूरत को देखकर पसीज जाती है और वो पुलिसकर्मी बनते हैं समाज के लिए मिसाल। ऐसे ही दो पुलिसकर्मियों ने मिसाल बनकर दो जरूरमंद लोगों की जिंदगी बचाई। दान फाउंडेशन द्वारा जरूरत पड़ने पर जब अपने इन दो सिपाहियों को पुकारा तो दोनों ही पुलिसकर्मी इंसानियत का फर्ज निभाने के लिए चले आए।



दान फाउंडेशन के रोहित अग्रवाल के अनुसार शनिवार को आपातकालीन केस में पुरुषोत्तम दास सावित्री देवी कैंसर हॉस्पिटल में भर्ती 60 वर्षीय मरीज ब्रज मोहन मेहरा को ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी। वहीं दूसरी तरफ डॉ एससी अग्रवाल के यहांं उपचाराधीन भोपाल से आगरा घूमने आए एक बुजुर्ग दंपति में 64 वर्षीय मरीज नंदिनी यादव को ए पॉजिटिव ब्लड ग्रुप प्लेटलेट्स की आवश्यकता हुई। नंदिनी यादव की जांंच में आया कि वह ए-प्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है। बुजुर्ग परिवार अंजान शहर में बहुत ही परेशान थे। उधर मरीज बृज मोहन मेहरा के स्‍वजन और डोनर्स टेस्टिंग में अयोग्य पाए गए। परिचति इंडियन नेवी में कार्यरत कैप्टन आंशिक तोमर बृज मोहन की जरूरत की जानकारी जब फाउंडेशन को हुई तो सक्रिय सदस्‍य सुंदर सिंह (तैनाती - यूपी डायल 112, उत्तर प्रदेश आगरा) और फ़िरोज़ अहमद (तैनाती - यातायात, उत्तर प्रदेश पुलिस) से संपर्क किया गया। दोनों ही पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी में से समय निकाल कर रक्‍तदान करने पहुंच गए। सुंदर सिंह ने  नंदिनी यादव और फिरोज अहमद ने बृज मोहन मेहरा के लिए रक्‍तदान किया। सुंदर सिंह ने 13 वीं बार रक्‍तदान करके किसी की जिंदगी बचाई है।


ये पुलिसवाला है जरा हटकर


ये खाकी का मानवीय चेहरा है। ऐसा चेहरा जो न तो आसानी से देखने को मिलता है और न ही लोग भरोसा करते हैं। बवाल और हादसों में घायल होने पर जब पीड़ित को कोई अपना नजर नहीं आता तो यह मानवीय चेहरा ही उसे अपनेपन का अहसास कराता है। अपरिचितों को खून देकर ये उनकी जान बचाते हैं। खाकी वालों का यह अंदाज लोगों का दिल जीत रहा है। सिपाही सुंदर सिंह ने वर्ष 2017 में रक्तदान को वाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया था। पहले वे खुद रक्तदान करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने ग्रुप से 70-80 लोगों को जोड़ दिया। सुंदर सिंह खुद अबतक 13 बार रक्‍तदार कर चुके हैं।